तेरे नाम..
तेरे नाम..
तकलीफ अंदर के शोर से है,
तनहाई तो यूँ ही बदनाम होती है।
गिरता है खारा जल जब भी ऑंख से,
वह सुबह वह शाम तेरे ही नाम होती है॥
तकलीफ अंदर के शोर से है,
तनहाई तो यूँ ही बदनाम होती है।
गिरता है खारा जल जब भी ऑंख से,
वह सुबह वह शाम तेरे ही नाम होती है॥