तेरे दर पे चले आए हैं।
तेरे दर पे चले आए हैं।
नदी सागर पहाड़ों की बात करते हो।
यार क्यों तुम ये ज़माने की बात करते हो।
मुझे तो जुस्तजू है आरजू है बस एक तेरी।
हुजूर मुझसे तुम औरों की बात करते हो।
छोड़ के दो जहां तेरे दर पे चले आएं हैं।
तुम रकीबों के घर जाने की बात करती हो।
मेरा संसार अधूरा है आओ मुकम्मल कर दो।
इश्क में क्यों दिल जलाने की बात करते हो।
लोग कहते हैं कि जो बोया है वही काटोगे।
प्यार किया है तुम नफ़रत की बात करते हो।