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Reetesh Sharma

Drama

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Reetesh Sharma

Drama

तेरा यूँ जाना

तेरा यूँ जाना

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तेरा यूँ जाना,मुझे अब भी सताता है,

वो गुज़रा वक़्त वो लम्हे मुझे अब भी रुलाते हैं।


पर यह सोच लेता हूँ, कि तेरा जाना ही अच्छा था 

वही तेरी तय मंज़िल थी, वही तेरा ठिकाना था।


दर्द सहने से अच्छा बांट लेना है,

तुझे खोकर अब मेरा न कोई मकसद है,

यही अफसोस है मुझको, यही मेरा फ़साना है


तू अब भी शामिल है मेरी रूह में पहले की तरह,

अब भी तुझे देखे बिना मेरी शाम ढलती नहीं।


वो हंसी तेरी वो तेरा मुझको देखकर मुस्कराना

अब भी मुझे महसूस होता है,

तू है मेरे ही पास हर पल,

यह सोच कर ही मेरा हर दिन गुज़रता है।


अब न दर्द होता है, न ही सुकून में ही हूँ मैं,

तेरा चेहरा ही मुझको जीने की उम्मीद देता है।


जो बांटा था वक़्त हमने, वही बस जिंदगी जी थी

अभी तो सिर्फ जीना है, अभी तो सिर्फ जीना है।


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