तेरा संकल्प !
तेरा संकल्प !
ऐ आशिक़,तेरा वज़ूद क्या ?
तेरी मंज़िल क्या ?
तूने चाहा जिसको,
वो तेरे क़ाबिल क्या ?
है हिम्मत तो पाले,
कर के तू इजहार।
वरना बिसात है काँटों की,
ज़िंदगी में कई हज़ार।
तू एक,लक्ष्य एक,
मुश्किलें हैं हज़ार।
है हिम्मत तो पाले,
कर के कोशिशें कई बार।
भरोसा न करते भगवान पे,
जबतक देखे न चमत्कार।
तू तो फिर भी आशिक़ है,
कोशिश करता रह बारंबार।
हिम्मत है तो कर दे,
प्यार में चमत्कार!