तेरा साथ देने वहां हम मिलेंगे
तेरा साथ देने वहां हम मिलेंगे
तू लाख कोशिश कर तुझे ताने भर भर के मिलेंगे,
तेरी कामियाबी पर खुश होने वाले लोग तुझे कम मिलेंगे,
तू रुकना नहीं तू झुकना नहीं,
तुझे हर राह हर सफ़र में कांटे भरे मिलेंगे,
कभी हारा थका कभी तो पीछे मुड़ कर देखना,
ज़माना भले साथ नहीं पर तेरा साथ देने वहां हम मिलेंगे।।
बेबसी पे ठहाके मारने वाले खूब मिलेंगे,
समझने वाले लोग ज़माने में बस गिने चुने ही मिलेंगे,
ओह में आंसू - आह में आंहे झूठी ही भरने वाले मिलेंगे,
बेईमानी का युग ये , यहां ईमान बेचने वाले बहुत मिलेंगे,
कभी हारा थका कभी तो पीछे मुड़ कर देखना,
ज़माना भले साथ नहीं पर तेरा साथ देने वहां हम मिलेंगे।।
कचड़े के ढेर में खाना भरा पर सड़कों पे भूखे मिलेंगे,
पीने को पानी तरस जाओ पर मौज को पानी बहुत मिलेंगे,
टूटी छत में संसार प्यारा तो कांच घरों में लोग कम मिलेंगे,
आपस में मेल जोल कम बस दिखावे को साथ के ढोंग मिलेंगे,
कभी हारा थका कभी तो पीछे मुड़ कर देखना,
ज़माना भले साथ नहीं पर तेरा साथ देने वहां हम मिलेंगे।।
उम्मीद टूटे - आस भी मिटे हर द्वार अपनों के बंद मिलेंगे,
जब बुरा हो वक्त तो हर अपने भी परायों - सा ही मिलेंगे,
भरी हों जब जेब अपनी तो गैर भी गले मिलेंगे,
अरे अपनों का क्या है जब दिखे तब नजदीक मिलेंगे,
कभी हारा थका कभी तो पीछे मुड़ कर देखना,
ज़माना भले साथ नहीं पर तेरा साथ देने वहां हम मिलेंगे।।
जो वक्त बेवक्त साथ निभाए ऐसे लोग कम ही मिलेंगे,
जो गिरने पर राह में सहारा देने वाले भी कहां अब मिलेंगे,
उम्मीद लोगों से कम ही रहे तो जीने को गम कम ही मिलेंगे,
कहने को आबादी बहुत है पर कंधा देने भी लोग यहां शायद न मिलेंगे,
कभी हारा थका कभी तो पीछे मुड़ कर देखना,
ज़माना भले साथ नहीं पर तेरा साथ देने वहां हम मिलेंगे।।