स्वतंत्रता का मूल्य
स्वतंत्रता का मूल्य


करोड़ों का लहू बहा है तब स्वतंत्रता पाई है
इसका मूल चुकाना मुश्किल है
मातृभूमि की आन में हजारों सैनिक शहीद हुए
उनका बलिदान का श्रण चुकाना मुश्किल है
आजादी की लड़ाई में स्वतंत्रता सेनानी
फांसी के फंदे पर बेहिचक झूल गए
उनके बलिदान को हम कितनी जल्दी भूल गए
उस बलिदान का मूल्य चुकाना बाकी है
नहीं मांगता बहुत कुछ देश हमारा
बस अच्छे इंसान, अच्छे नागरिक बन जाए
अमूल्य है यह आज़ादी, अमूल्य है स्वतंत्रता
स्वतंत्र रहे हम, स्वतंत्र रहे विचार
स्वतंत्रता से व्यक्त करें अपनी भावनाएं
अपने अपने बूते पर देश के लिए कुछ कर जाएं
भेदभाव छोड़कर देश की उन्नति में हाथ बढ़ाएं
ना मेरा, ना तेरा देश, वासुदेव कुटुम्बकम् की नींव रखकर
भारत का परचम लहराएं।