स्वसंकल्प
स्वसंकल्प
संभल कर चलना प्यारे,
सफर बहुत पथरीला है,
यहाँ स्वयं ही संवरना,
खुद ही खुद को संजोना है।
पग पग पर संकट होंगे,
संकरी दिल की गलियाँ होंगी,
संघर्षों की एक अनूठी
कहानी सबके पास संचित होगी।
स्वसंकल्प से अपना
मनोबल ऊँचा रखना,
सद्भावना,सहनशीलता,
संवेदना से ही विजय होगी।
संगी साथी बहुत मिलेंगे,
साथ न कोई चलने वाला,
मंजिल पाता है वही,
संकटों से न डिगने वाला।
स्तम्भ तुम खुद हो इस जीवन के,
सजगता संलग्नता धारण करो,
हर संघर्ष और संताप शून्य है,
अगर संयमित जीवन निर्वाह करो।