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Juhi Grover

Inspirational

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Juhi Grover

Inspirational

स्वीकार भाव

स्वीकार भाव

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कारवाँ की तलाश में भटकना जायज़ है,

मंज़िल तो पानी है सब ने अपने लिए

भीड़ के साथ तो मगर सब चलते हैं,

अपने ही हाशियों पर नहीं चल पाते हैं,

अपनी राहें खुद बनाना आसान नहीं,

कि कारवाँ का आगाज़ आसान नहीं।


अपने कदमों के निशाँ जो छोड़ जाते हैं,

नये  कारवाँ  बस बना  ही  जाते  हैं,

नये आयाम दुनिया को दे ही जाते हैं,

हर जगह पे अपनी छाप ही छोड़ जाते हैं,

दिलों पे सबके मोहर लगाना आसान नहीं,

कि भीड़ की आवाज़ बनना आसान नहीं।


कारवाँ की तलाश में भटकना है सब ने,

मगर मंज़िल पा&n

bsp;ही लेना आसान नहीं,

न ज़िन्दगी आसान है, न ही मौत ही है,

ज़िन्दगी को बेहतर निभाना आसान नहीं,

खुद  के  लिए  तो  सब करते ही  हैं,

पराये को अपना कहना आसान नहीं।


ज़िन्दगी के लिए ज़िन्दगी आसान नहीं,

मौत के  लिए मौत भी  आसान नही,

तो क्यों न खुल के ही यों जिया जाए,

मौत भी आसान और ज़िन्दगी भी हो,

बस  जो  भी  मिले जैसे भी जहाँ में,

हमें  अब  बस  सब  ही स्वीकार  हो।  


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