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Sidhartha Mishra

Classics Inspirational Children

4.5  

Sidhartha Mishra

Classics Inspirational Children

स्वामीनाथ

स्वामीनाथ

2 mins
242


जब कार्तिकेय छोटे बच्चे थे,

तब भगवान शिव जो उनके पिता हैं,

उन्हें श्री ब्रह्मा जी से शिक्षा प्राप्त करने हेतु

उनके पास भेजा।

कार्तिकेय जब ब्रह्मा जी के पास पहुंचे,

तो उनको पूछा की कृपया आप मुझको

ॐ शब्द का अर्थ  बतलाईये।

ब्रह्मा जी ने कहा की पहले सीखो तुम वर्णाक्षर बोलना ,

फिर सीखलाऊंगा तुम्हे मैं ॐ शब्द का अर्थ।


पर कार्तिकेय थे उनकी बात पर अड़े हुए।

बोले जब तक आप नहीं बतलाओगे

मुझे अर्थ तब तक नहीं सीखूंगा मैं

आपसे कोई भी पाठ।

अब ब्रह्मा जी को था नहीं पता,

ॐ शब्द का मतलब। 

कार्तिकेय जी हुए निराश,

बोले मैं नहीं ले सकता हूँ सिक्षा आपसे।


ब्रह्मा जी पहुंचे कैलाश,

बोले आप अपने बेटे को सम्भालिये।

मैं जो भी कहता हूँ, ये उसका उल्टा बोलता है।

शिव जी ने कार्तिकेय को देखा,

और बोले की क्या हुआ बेटा,

ब्रह्मा जी इस ब्रह्माण्ड के सर्जक हैं,

तुम्हे इनसे सिक्षा लेनी चाहिए।


कार्तिकेय बोले, तो मुझको ॐ का अर्थ बोलिये।

शिव जी हस कर बोले, की मुझे भी नहीं है पता

इस ॐ शब्द का अर्थ।

फिर बोले कार्तिकेय जी,

तो मैं बताऊंगा आपको इसका अर्थ।

पर इसके लिए आपको मुझे गुरु का स्थान देना होगा,

और मुझको आपसे ऊपर उठाना होगा।


तब फिर शिव जी ने छोटे कार्तिकेय को

अपने कंधे पर उठा कर बैठाया।

फिर कार्तिकेय शिव जी के कान मे बोले,

की प्रणव मंत्र ॐ मैं ये सारी सृस्टि छुपी है।

तीनों त्रिदेव - ब्रह्मा, विष्णु और महेश भी

इस ॐ शब्द मैं बसें हैं।ॐ का अर्थ है की सब कुछ प्यार है,

जो प्यार को कोई तोड़ नहीं सकता की

हिला भी नहीं सकता - वो ॐ है।


माता पार्वती ये सब सुन रही थी।वे प्रसन्ना हो कर बोली की,

आज मेरे बेटे कार्तिकेय ने मेरे नाथ शिव जी 

के गुरु(स्वामी) बनकर उन्हें ॐ शब्द का अर्थ सीखलाया है।

इसलिए आज से कुमार कार्तिकेय का एक नाम

स्वामीनाथ भी होगा, और ये कहकर उन्होंने

कुमार कार्तिकेय को स्वामीनाथ बोलकर

सम्बोधन किया।


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