स्वामी विवेकानंद
स्वामी विवेकानंद
केसरी संत विवेकानंद की अद्भुत गौरवमई गाथा,
बारह जनवरी अठारह सौ तिरेसठ का जन्मा,
कुशाग्र बुद्धि, विलक्षण हव्यक्तित्व से परिपूर्ण,
रामकृष्ण परमहंस को अध्यात्मिक गुरु माना।।
शून्य से ब्रह्मांड में समावेश की दीर्घ दृष्टि,
नरेन्द्र नाथ दत्त में ईश्वरीय की चेतन सृष्टि,
युवकों के आइकॉन प्रवर्तक मनोवृति,
वैज्ञानिक पक्षों की समग्र ज्ञानार्जन कृति।।
शिकागो में भारतीय संस्कृति के द्योतक ,
राष्ट्रीयतावाद के संबल मार्गदर्शक,
रामकृष्ण मिशन के थे नरेन संस्थापक ,
संत विवेकानंद, शून्य के नव विचारक।।
कथन उनका, जितना बड़ा तुम संघर्ष करोगे,
उतनी बड़ी जीत का आनंद पाओगे,
अटल, अडिग राह पर चलकर ही ,
स्वयंसेवी , कुशल-क्षेम बन जाओगे।।