सवाल वजूद के
सवाल वजूद के
मेरा वजूद मुझसे सवाल पूछता है कि,
उसने तेरे लिए किया ही क्या है?
तूने सब लुटा दिया उसे पाने खातिर,
उसने बेज्जती के अलावा दिया क्या है?
अच्छा बता, तुझे तुझे याद नहीं क्या,
सभी के सामने तुझे अनदेखा किया था।
अपनी इज्जत बनाएं रखने के लिए,
सबके सामने उसने तेरा उपहास किया था।
अरे तू पागल है क्या जो उस गैर के लिए,
अपने खुद के वजूद को खो रही है।
सोच जरा, कितना साथ दिया है उसने,
जो तू अकेले कोने में बैठे रो रहीं हैं।
अरे, मैं वजूद बसी तेरे अंदर ही,
मेरी भी आवाज कभी सुन लिया कर।
जो कदर तक ना कर सकता हो तेरी,
उससे कभी मोहब्बत ना किया कर।
खुद को अहमियत देना सीख लो,
तब जाकर वो तेरी कदर करेगा।
फिक्र करना छोड़ दे तू उसका,
फिर देखना वो भी तेरी फिक्र करेगा।