सुविचार
सुविचार
घमंड का तुम परित्याग करो
निश्छलता से अपना कर्म करो।
अभिमान से तुम नाता छोड़ दो
ईश्वर से अपना नाता जोड़ लो।
बौद्धिकता से जैविक कर्म करो
मानवीय आदर्शों को पालन करो।
गुरु जनों का मान सम्मान करो
उदारता से अपनी पहचान करो।
माता पिता गुरु से बड़ा न कोय
दयालुता भाव से सब कुछ होय।
सज्जनता से जग को दें पहचान
साहस रखे, जैसे पक्षी सचान।
पुण्य धरा सब को ध्यान धरे
अहंकार का हम सब त्याग करें।
बौद्धिकता से पद विस्तार बढ़े।
विनम्रता से कीर्ति शिखर चढ़े।
श्रद्धा से पा सकते वो मोक्ष वहाँ
अहंकार का त्याग जो करते यहाँ।
करना नहीं तुम कभी अभिमान।
ईश्वर है एक सर्वशक्तिमान ।।
