गुरु महिमा
गुरु महिमा
आपके व्यक्तित्व का जो निर्माण है l
उसमें माता-पिता और गुरु का भी स्थान है l
वह भारतीय संस्कृति का निर्मlता है l
गुरु राष्ट्रीय संस्कृति का निर्मlता है l
ईश्वर तो नहीं पर भाग्य विधाता हैll
गुरु लाखों का जीवन संवारता हैl
निश्चल वंदनीय गुरु शिष्य का नाता है l
अँधेरों में रहकर भी ज्ञान -दीप जलाता है l
गुरु ईश्वर तो नहीं, पर भाग्य विधाता हैl
गुरु ही है, जो सृष्टि को बनाता हैl
मनुष्यो में सच्ची मानवता को भरता हैl
अपने आदर्शों से सृष्टि को संयोजित करता हैl
गुरु ईश्वर तो नहीं, पर भाग्य विधाता है l
लगाव नहीं सिर्फ अपना नाम कमाने का
प्रसिद्धि आए तो शिष्यों को ही ऊपर रखता हैl
बच्चों के जीवन बनाना में स्व बलिदान करता है l
उसके ही कर्मों से सबका जीवन रोशन होता हैl
गुरु ईश्वर तो नहीं, पर भाग्य विधाता हैl
प्राचीन विरासत से सबको परिचय कराता है l
आधुनिकता को जोड़कर जीवन ताल मेल सिखाता हैl
स्वयं मनवीय आदर्शों का जीवंत उदाहरण है l
गुरु ही हर देश भविष्य का निर्माता हैl
ईश्वर तो नहीं, पर भाग्य विधाता हैl
यही है देव-गुरु का, सच्चा सम्मान
करें अनुसरण उनका, बढ़ाए मानll
