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Manju Saini

Romance

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Manju Saini

Romance

:सुनो ना

:सुनो ना

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सुनों ना....

मैं घुलना चाहती हूँ

तुम्हारे भोलेपन में ,

और हो जाना चाहती हूँ एक

अपने प्यार से तुमको पा

लेना चाहती हूँ

छोड़ देना चाहती हूँ

अपने प्यार का रंग तुम्हारे ऊपर 

सोख कर तुम्हारे प्रेम का रंग

सारा अपने भीतर 

और हो जाना चाहती हूँ 

एक सिर्फ और सिर्फ

अपने गुण से

धीरे-धीरे 

साथ साथ आपके


सुनो ना...

मैं मिल जाना चाहती हूँ

संगम की तरह

गंगा यमुना सी

तेज धार बन..

जीवन मे तुम्हारे

बहा ले जाऊं

दुख सारे

अपने बहाव में

न रहे कुछ भी गम 

आसपास आपके बस

सबको दूर कर देना चाह्ती हूँ

अपने प्यार से सिर्फ

धीरे धीरे

साथ साथ आपके।


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