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Sumit. Malhotra

Abstract Romance Action

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Sumit. Malhotra

Abstract Romance Action

सुबह उठते करती।

सुबह उठते करती।

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सुबह उठते करती राम-राम, 

हम करते बदले में राम-राम। 


झुकी नज़र से देखती है हमें, 

रात को शब्बा ख़ैर है कहती। 


दोपहर रविवार लंच हम करें, 

बाकी दिन शाम चाय है पीते।


झुकी नज़र से शिकार करती, 

बेवफ़ा बच कर रहना जनाब।


यारों झुकी नज़र से तीर मारे, 

ज़ालिम अदाओं से सदा मारे। 


प्यार करना लगता है आसान, 

सोच समझकर क़दम उठाना।


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