सर्दी से छूटी कपकपी, लेकिन अब चिंता नहीं। हम सब मन बहला रहे थे, माता की आरती गा रहे थे। सर्दी से छूटी कपकपी, लेकिन अब चिंता नहीं। हम सब मन बहला रहे थे, माता की आरती ...
बचपन से लेकर जवानी तक का सफ़र, सबसे ज़्यादा अँधेरे मुँह उठना ही प्यारा। बचपन से लेकर जवानी तक का सफ़र, सबसे ज़्यादा अँधेरे मुँह उठना ही प्यारा।