माता पिता।
माता पिता।
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सालो पहले की बात थी,
एक अंधेरी रात थी।
घर पर मैं और माँ,
साथ में भाई और पापा।
सर्दी से छूटी कपकपी,
लेकिन अब चिंता नहीं।
हम सब मन बहला रहे थे,
माता की आरती गा रहे थे।
समय कट गया देखते देखते
याद जब भी आये उठते-बैठते।
फिर आंखें भर आती हैं,
माता-पिता के साथ यह राते,
फिर कहाँ मिल पाती है।
