स्त्री
स्त्री
एक स्त्री
क्यों घुट घुट कर जीती है।
आधुनिक हो या परंपरावादी
बस जीना सीख लेती है तमाम
शर्तो पर।
कभी बच्चों के खातिर
कभी परिवार के खातिर
करती हमेशा अपनी
ख्वाइशों से समझौता
बस जुट जाती है
अपने बच्चों के
भविष्य के लिए
अपने वर्तमान की
बलि देने को
जाती है।