STORYMIRROR

Komal Mondhe

Inspirational

3  

Komal Mondhe

Inspirational

स्त्री शक्ति

स्त्री शक्ति

2 mins
200

लोग कहते है प्रभु ने दिया जीवन हमें

जितना भी शुक्रिया माने आख़िर कम ही लगे

पर प्रश्न है मेरा उन कई लोगों से

नौ महीने नौ दिन दर्द सहा है एक स्त्री ने हमे कोक में रख के

फिर क्यो हम शुक्रिया माने किसी ऐसे का जो

हमे धुंधला सा भी न दिखे 

ऐसा नहीं कि मै ईश्वर को मानती नहीं 

पर किसी का स्थान किसी और को मै देती नहीं

समाज की यह एक अफ़वाह है

कमज़ोरी का दूसरा नाम ये स्त्री को बतलाता है

लडका लडकी समान है यह कहने की बात है भेद तो आज भी है 

बचपन तो चलो बीत गया... बढ़ती उम्र मे 

ससुराल की बातो से कानो में दर्द सा कर दिया

उड़ना है उसे खुले आसमान में 

समाज की बिछड़ी हुई सोच ने उसे पिंजरों में कैद सा कर दिया

एक स्त्री वजह है वो हमारे होने की 

फिर उसे यू कैद करना सही होगा क्या?

जितना दर्द उसने सहा है

वो तुमने महसूस भी ना किया होगा

रो तो वो लेती है पर मन उसका भी कठोर है

यू ही कोइ स्त्री अपना घर छोड़ पराए घर नहीं बसती है

ठान ले वो कुछ करने की तो करके वो जरूर दिखाएगी

समाज की हर बेड़ियों को वो तोड़ेगी

अपनी रक्षा के लिए रक्षा कवच वो खुद बनेगी

मर्दानी तो उसे भूलकर भी बुलाना नहीं 

हर वक्त मर्दों के नाम का वो सहारा ले ये जरूरी नहीं

कमज़ोरी का नाम नहीं महाशक्ति का अवतार है स्त्री 

रूप उसका हों कोई भी हो सम्मान करना उसका जरूरी है

शक्ती स्त्री मे ऐसी है कि दुनिया से लड़ने के लिए वो अपने आप में ही काफी है। 

स्त्री तु स्त्री ही काफी है ।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational