सफल गैर - पारंपरिक विवाह
सफल गैर - पारंपरिक विवाह
इस प्यार को कुछ इस तरह सराहे
विवाह का नाम इस रिश्ते को दे के
क्यों ना जिंदगी भर का साथ निभाए
अब ये मोड़ जिंदगी के सफर का
साथ चहिए इस सफर में किसी हमसफर का
जिससे दिल जुड़े वो रिश्ता सुकून का है
जिससे दिल ना जुड़े वो रिश्ता समझौते का है
विवाह में समझौता नहीं प्यार होना जरूरी
परिवार जाती धर्म के नाम पर लाता है इसमें दूरी
प्यार से तो हर मुश्किल आसान है
प्यार तो अपने प्यार को पाकर ही रहता है
विवाह का रिश्ता ये दो लोगों का
पर रिश्तेदारी ये दो परिवारों की है
प्यार में सिर्फ एक दूसरे का ही नहीं
एक दूसरे के परिवारों का भी आदर करना जरूरी है
अहंकार को कभी प्यार को काबू में करने मत देना
जिंदगी के उतार चढ़ाव में एक दूसरे का हाथ कसके पकड़ना
प्यार जो करेगा वही परेशानियों को भी समझेगा
हालात कैसे भी हो एक सच्चा साथी
हर वक्त साथ निभाएगा
विवाह परंपरा से हो या गैर परंपरा से
मुकम्मल बस वही विवाह है
जहां एक दूसरे के प्रति समझ और प्यार बेशुमार है।
