STORYMIRROR

Taj Mohammad

Inspirational

4  

Taj Mohammad

Inspirational

स्त्री का संघर्ष

स्त्री का संघर्ष

1 min
344

पल पल मौत से लड़ी हूं।,,,

मैं जिंदगी हूं!!!...

मैं निर्भय होकर,,,

अपनी जीत पर अड़ी हूं।...

जो भी मिला भाग्य से,,,

उसी में खुश रही हूं।...

पल पल मौत से लड़ी हूं।,,,

मैं जिंदगी हूं!!!...


दुख दर्द से,,,

मैं बहुत तड़पी हूं।...

जीवन पथ पर,,,

मैं तन्हा ही चली हूं।...

निराश नहीं मन से,,,

बस थोड़ा सा दुखी हूं।...

पल पल मौत से लड़ी हूं।,,,

मैं जिंदगी हूं!!!...


रात रात भर जगी हूं।...

जीवन के उपवन में,,,

कभी मुरझाई कभी खिली हूं।...

जो लबों से कही ना गई,,,

मैं वो अनकही हूं।,,,

समेट कर हर दर्द,,,

मैं अश्कों में बही हूं।...

पल पल मौत से लड़ी हूं।,,,

मैं जिंदगी हूं!!!...


गिरकर हर बार ही,

मैं स्वयं से फिर उठी हूं।...

जीने में,

मैं वक्त सी गुजरी हूं।...

अपनी परछाई संग,,,

मैं तन्हाई में रही हूं।...

स्वप्न बनकर,,,

मैं आंखों में सजी हूं।...

पल पल मौत से लड़ी हूं।,,,

मैं जिंदगी हूं!!!...


भय कैसा मृत्यु से,,,

जाने कितनी बार मैं मरी हूं।...

मालूम है मुझे,,,

एक दिन मौत से हारूंगी।...

पर अभी नहीं,,,

अभी तो मैं जीना सीखी हूं।...

बनकर चिड़िया,,,

मैं आकाश में उड़ी हूं।...

जीतकर मृत्यु से,,,

स्वयं को नई नई सी लगी हूं।...

पल पल मौत से लड़ी हूं।,,,

मैं जिंदगी हूं!!!...



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational