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ritesh deo

Abstract

4  

ritesh deo

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सस्ता है तू

सस्ता है तू

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मुझे सब कहते हैं बड़ा सस्ता है तू 

जो भी जो कुछ कहता कर देता है 

कहते हैं अपने को दूसरो से हटा 

दूसरो से अपनी कीमत को बढा 

कहते हैं बड़ा बिकता है तू


खुद का खयाल नहीं सबको हँसाता है तू

कुछ कहते हैं अपनी सोच दूसरो मे न पड़

कुछ कहते हैं जमीन पर रह हवा में न उड़ 

बहुत हवा में उड़ता है तू, बड़ा ही सस्ता है तू,

कहते है, तू हर जगह दिखता है,


हर एक की समस्या में खड़ा दिखता है,

सबको अपना समझ उनके हक के लिए लड़ता है,

उनकी खुशियों कि खातिर खुद आँसू लिए फिरता है

कुछ कहते है, मैंने नहीं देखा तुझको हँसते हुए सदियों से,

कुछ कहते है तू बेहद अच्छा मुस्कराया करता था,


सुन बेहद सस्ता है तू,लोगो की मुस्कराहट पर बिकता है तू।।

तू हाँ इतना क्यूं सस्ता है तू,।।

तू हा ऐसे क्यूं बिकता है तू।।

तू बेहद सस्ता है तू।।


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