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VIVEK ROUSHAN

Abstract

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VIVEK ROUSHAN

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सरकारी पत्रकारिता

सरकारी पत्रकारिता

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हमारे दौर में एक नई

पत्रकारिता का जन्म हुआ है

जिसे हम कह सकते हैं

सरकारी पत्रकारिता,

इस काम के लिए डिग्री

की कोई आवश्यकता नहीं है


इसमें पत्रकार

वही लिखता है जो

सरकार बोलती है

वही दिखाता है जो

सरकार बोलती है


और वही खाता है जो

उसे सरकार देती है

हमारे दौर में

चाटुकारिता हीं पत्रकारिता है

जिसमें पत्रकार का

जनता से सरोकार

शून्य के बराबर है।


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