सृजन
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तेरी आँखों में हल्के से इशारात तो हो,
आ जाऊँ तेरी बाँहों में ज़ज़्बात तो हो।
जागूँ तेरी ही बाँहों में हरदम,
खुदा करे ऐसे हँसीं हालात तो हो।
तेरे प्यार की फुहार में भीग सकूँ,
काश कभी ऐसी बरसात तो हो।
चाहूँ दम निकले तेरी ही पनाह में,
तेरे भी ऐसे ही ख़्यालात तो हो।
तेरी याद में अश्क गिरे नज़र से मेरी,
अब 'रजनी' तुझसे मुलाकात तो हो।।

