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Rachna Pachori

Drama

3  

Rachna Pachori

Drama

सपनों को पंख

सपनों को पंख

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बिटिया की उंगलियों में

मैंने पाई है

रंगों को जीवित

रखने की कला।


कागज़ पर बिखरे रंगबयां

करते है उसके

 नन्हे मन की-हलचल।


शब्द पिरो, संगीत

गुंजा देने की कला

प्रकृति के साथ एक लय

होने की अदा।


कल्पना लोक की सैर

उड़ान भरने की फितरत

मिट्टी से जुड़ने की चाहत।


तेरी इस हसरत को

न बिखरने दूंगी

जी ले बिटिया रानी

 तेरे सपनों को मैं पंख दूँ।


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