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Vinita Rahurikar

Abstract

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Vinita Rahurikar

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सपनों की दुनिया में

सपनों की दुनिया में

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दिन भर की

भागदौड़ के बाद

खोने दो मुझे

सपनों की दुनिया में।


तेज धूप की तपन में

झुलसे हुए मन को

थोड़ा चाँदनी में

डूब लेने दो।


बैठ जाऊँ

चाँद की छाया में

रातरानी, मधुमालती से

कुछ मन की बात कर लूँ।


छोड़ सारी झंझटों को

कुछ देर तो

जी लूँ अपना जीवन

अपनी इच्छा से।


सपनों में ही सही पर

जी तो लूँ....।


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