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Shalinee Pankaj

Abstract

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Shalinee Pankaj

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सफर

सफर

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सफर की तैयारी 

लोग अक्सर किया करते हैं

मुद्दा नहीं छोटा या बड़ा होना।


कभी तय कर

कभी बिना सोचे

निकल पड़ते हैं।


सुकूँ की तलाश में

वजह कभी 

बेवजह भी

कभी टल जाती है यात्रा।


कभी कभी मजबूरी में

और हमेशा अपनी खुशी से

करते हैं सफर।


पर अंतिम सफर की

तैयारी यहाँ करता कौन है

खुशी से कौन जाता है यहाँ से।


मोह उलझा

सत्य को भूल जाता है

जीवन की नश्वरता

परम् सत्य है।


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