सफर 2021 का
सफर 2021 का
उम्मीदों से शुरू हुआ था
कुुुुछ राहत के पल हम पाएंगे।।
बच्चे बूूढ़े सब के आंखों में थे एक से सपने
महामारी केे बाद फिर से हम खुशियां की दौड़ लगाएंगे।।
हाँ कुछ वक्त बीतेे थे उदासी भरी
मगर हमने परिवारो के हौौसलो से उड़ान लिए।।
जब थम गई थी ये बाहर की दुनिया
तब हम सब ने परिवार के साथ कुछ अनमोल पल
गुजार लिए।।
इस वर्ष बनेे यादें बहुत सारी
हमने नजदिकियां का भी अनुभव लिया।
जो छुूट रहा उस भीड़ में कहीं
उस पल को गांव में आकर हमने कही जिया।।
