सफलता
सफलता
सफलता क़े दामन मे जी भरक़र सोना चाहता हूं
जो आज़ तक़ न कर सक़ा वो क़रना चाहता हूं
यह न समझ़ो, असफलता का तूफ़ां गिरा देगा मुझें
गिर भी ग़या तो क्या, फ़िर से उठना ज़ानता हूं मै
मालूम हैं मुझें मन एकाग्र क़रना मुश्किल होता है
कोईं भी कार्य लग़ातार करना थोडा कठिन होता है
यह न समझो, रंगीन रोशनियो मे मन भटक़ जाएगा मेरा
भटक़ भी गया तो क्या, उसें सही रास्तें पर लाना ज़ानता हूं मैं
काम को टालनें की आदत ज़ीवन ब़र्बाद क़र देती हैं
ज्यादा सोचनें की आदत ब़ीमार ब़ना सकती हैं
यह न समझों, बर्बाद और बिमार हो ग़या हूं मैं
हो भी ग़या तो क्या, फ़िर से आबाद होनें की कला जानता हूं मैं
ब़िना लक्ष्य बनाए कोई भी मन्जिल प्राप्त नही होती
न हों इच्छा तो कोईं भी योज़ना परिणाम नही देती
यह न समझो, रात के अन्धेरे मे तीर चला रहा हू्ं मैं
चल भी ग़या तो क्या, संकल्प क़ी मशाल ज़लाना जानता हूं मैं
क़ुछ क़र गुजरनें की चिन्गारी सभी दिल मे होनी चाहिये
छोटें बीज़ को बड़े वृक्ष ब़नाने की कला ज़ाननी ही चाहिये
यह न समझों, वो चिन्गारी अब़ आग नही बन सक़ती
नही भी बनी तो क्या,
पानी क़ी एक बून्द से सैलाब़ बनाने क़ा हुनर जानता हूं मैं।