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Dhan Pati Singh Kushwaha

Abstract Inspirational

3.7  

Dhan Pati Singh Kushwaha

Abstract Inspirational

सफल होंगी सकल योजनाएं

सफल होंगी सकल योजनाएं

1 min
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धीरज को धारण करके, प्रगति, पथ पर बढ़ते ही जाएं,

मंज़िल मिलेगी निश्चित, होंगी, सफल सकल योजनाएं।

सतत् ही सतर्क रहकर, करिए, निज कार्य की समीक्षा,

घबराहट न लेश लाएं, चाहे, कितनी मुश्किल हो परीक्षा।

हौसला तो शिथिल न होवे, चाहे, आवें कोटिक ही बाधाएं,

धीरज को धारण करके, प्रगति, पथ पर बढ़ते ही जाएं।


है कर ली जो नियत लक्ष्य की, तुमने, शुभता और सुन्दरता।

तो तानों से भयभीत न होना, और न बदलना कभी भी रास्ता।

पर विचलित मत होना तुम धर्म के पथ से, ये न होगा सस्ता,

रहें सदा नम्र पर कभी दीन बने न, प्रभु कसौटी पर है कसता।

परहित का कभी भाव न तजना, पर स्वार्थ भाव मन में न लाएं,

धीरज को धारण करके, प्रगति, पथ पर बढ़ते ही जाएं।


कुछ भी करोगे जग में लेकिन, सदा ही टोकेंगे तुम्हें लोग,

प्रतिरोधक शक्ति बनाए रखी जो, तो न व्यापेगा कोई रोग।

सतत् सुधार है करते रहना, सुझावों का करिएगा सदुपयोग,

सुख-दुख की चाबी निज कर रखना, न फुटबॉल बनाएं लोग।

मत इतराना कभी भी सुख में, और, कभी दुख में न घबराएं,

धीरज को धारण करके, प्रगति पथ पर बढ़ते ही जाएं।


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