सफल होंगी सकल योजनाएं
सफल होंगी सकल योजनाएं
धीरज को धारण करके, प्रगति, पथ पर बढ़ते ही जाएं,
मंज़िल मिलेगी निश्चित, होंगी, सफल सकल योजनाएं।
सतत् ही सतर्क रहकर, करिए, निज कार्य की समीक्षा,
घबराहट न लेश लाएं, चाहे, कितनी मुश्किल हो परीक्षा।
हौसला तो शिथिल न होवे, चाहे, आवें कोटिक ही बाधाएं,
धीरज को धारण करके, प्रगति, पथ पर बढ़ते ही जाएं।
है कर ली जो नियत लक्ष्य की, तुमने, शुभता और सुन्दरता।
तो तानों से भयभीत न होना, और न बदलना कभी भी रास्ता।
पर विचलित मत होना तुम धर्म के पथ से, ये न होगा सस्ता,
रहें सदा नम्र पर कभी दीन बने न, प्रभु कसौटी पर है कसता।
परहित का कभी भाव न तजना, पर स्वार्थ भाव मन में न लाएं,
धीरज को धारण करके, प्रगति, पथ पर बढ़ते ही जाएं।
कुछ भी करोगे जग में लेकिन, सदा ही टोकेंगे तुम्हें लोग,
प्रतिरोधक शक्ति बनाए रखी जो, तो न व्यापेगा कोई रोग।
सतत् सुधार है करते रहना, सुझावों का करिएगा सदुपयोग,
सुख-दुख की चाबी निज कर रखना, न फुटबॉल बनाएं लोग।
मत इतराना कभी भी सुख में, और, कभी दुख में न घबराएं,
धीरज को धारण करके, प्रगति पथ पर बढ़ते ही जाएं।