सफ़ेद बादल
सफ़ेद बादल
संभालना सीख गए हैं,
गम तो अपनो को हमेशा खो कर संभालने का है।
ये वक़्त भी गुजर जाएगा, कभी जो बोले थे कहना सीखो दिल की जुबानी...
आज खामोशीयो की खूबसूरती बया कर चलना सिख गए।
ये तो ठहरी ज़िन्दगी, सांसें हैं तब तक चलती जाएगी, बिन मौसम बरसात हो जैसे लोगोंको लाकर भेजती रहेगी।
पर,
सिखाकर जाएगी इतना की, ग़लती तुम्हारी थीं कि,
बारिशों में तुमने बिन मौसम बरसात चुनी,
अब खाली और खुले आसमान में कुछ नहीं बचा,
घने बादल चल दिए, हवाओं ने रुख मोड दिया...
बारिशों को बहा दिया कही दूर, खाली जैसे कोई सफ़ेद बादल, बिना कोई रंगोंका
हमको बना दिया, हमको बना दिया।
- Swapna Purohit
