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Megha Joshi Thaker

Romance

5.0  

Megha Joshi Thaker

Romance

सोचा नहीं था

सोचा नहीं था

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सोचा नहीं था कभी की खुद को भूल जाएंगे,

इस तरह टूटकर किसी और को हम चाहेंगे।

करेंगे हम भी वही आशिक़ों सी मोहब्बत,

अपना हम भी किसी और को बना पाएंगे।

सच ये है वो मिले थे हमे उस मोड़ पर,

जहां पर सभी अपने छोड़कर जा रहे थे।

पहचान नहीं पाए हम उस वक़्त की,

कौन सही में अपने थे और कौन पराये थे।

साथ निभाया उन्होंने तब ही हमारा

जब हमारे हर तरफ बस चौराहे थे।

न दिखाया सिर्फ चलने के लिए सही रास्ता,

मंज़िल तक जाने के लिए साथ देने आए थे।

कैसे न चाहे अब हम टूटकर ऐसे उनको,

जो खुद खुश हो या नहीं, हमे खुश देखना चाहते है।


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