संपत्ति
संपत्ति
मेरा जीवन जन्मा
जन्मों में
मुझे बचपन मिला
सुराही-सा
मेरा जीवन रहा
दुहाई-सा
मेरी संपत्ति
मेरा परिवार बना
मेरी धनराशि
एकत्रणि गुल्लक जैसी
मेरी एक-एक
जमावट समृद्धि मेरी
मेरी गुल्लक
उदारपन का सूचक बनी
न हाथ फैला कहीं
न फैलने दिया कभी
इस प्रकार बना
मेरा जीवन
कि हर बार
मैं दानी बनी॥