संभल के रहना
संभल के रहना


आज आजादी का बिगुल बजा
आसमान गूंज रहा नारों से
एक बात करनी है देश के देशभक्तों से
झांक रहे हैं अपने दुश्मन अपनी ही दीवारों से
संभल के रहना-------
लूट रहे हैं देश की दौलत भरे पड़े हैं रिश्वतखोर यहाँ
जनता की जेबे काट रहे इस वतन के चोर यहाँ
जागते रहना है नेताओं खतरा चारों ओर यहाँ
नहीं चलेगा अब केवल जय जयकारों से
सम्भल के रहना---------
सच के ऊपर झूठ का दिन दिन बढ़ता जाए जोर यहाँ
चोरों ने ही अपने वतन को लूटा बेच बेच कर ईमान यहाँ
भगत सिंह के इस भारत में जरूरत नहीं जय चंदो की
आज यही है माँग हमारी क़ौम सभी हिंदुओं की
सम्भल के रहना----
ऐ भारत मां के बेटे सुनो समय की बोली को
फैलाती है जो फूट वतन में दूर करो उस क़ौम को
जागो लोगों जगा रहा है तुमको इसी कोरोना काल में
आती है आवाज यहाँ मंदिरों और गुरुद्वारों से
सम्भल के रहना ऐ भारतवासी
अपने घर के छुपे हुए गद्दारों से ।।