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Pratit Pingle

Abstract

3.9  

Pratit Pingle

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स्मोकिंग

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ऐसी लत भी अच्छी नहीं।

ख्यालो को जलाकर कुछ देर

महसूस कर फिर बुझा देना

किसी भी वक़्त सिगरेट सुलगा लेना..

लत भी अच्छी नहीं।


वो जैसे मेरे आखरी कस के साथ

मेरी पेन की श्याही का ख़त्म हो जाना..

ऐसी लत भी अच्छी नहीं।।


वो पहले कस के साथ तुमको पास बुलाना।

अपने कंधे पर तुम्हारे सर को पाना

तुम्हे पाने की ख़ुशी में और लंबे कस ले जाना


और उतने में ही सिगरेट का आखरी कस आ जाना

सिगरेट को खुद होकर बुझाना 

फिर तुम्हे देखु तो तुम्हारा मेरी आँखों से ओझल हो जाना

फिर मेरा पछताना।

ऐसी लत भी अच्छी नहीं।


यु ही तुम्हारा मेरे पास है रोज आना जाना

धीरे धीरे मेरी हैश ट्रे का भर जाना

सिगरेट के टुररो का ट्रे से हटाना

जैसे जिस्म से रूह का निकल जाना

मेरे ही सामने मेरी हैश ट्रे की मौत हो जाना

ऐसी लत भी अच्छी नहीं।


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