समझ
समझ


बातों को समझ पाता है कहां कोई
समझ जाता दुर्योधन तो उसका पतन नही होता
प्रेम को समझ पाता है कहा कोई
समझ जाता अगर दुर्योधन तो लड़ाई नही होता।
रिश्तों को समझ पाता है कहा कोई
समझ जाता तो भाई भाई अलग नहीं होता
एक भाई पत्नी को जूए में नही हारता और दूसरा नही जीत पाता
बंधन को समझ पाता कहा कोई
समझ जाता तो तलाक नही होता
सही राह पे चलता है कहा कोई
यदि चलता तो आतंकवादी नहीं बनता
बचपन में ही सही राह दिखा देता कोई
तो राह नही भटक पाता
जीवन एक बार मिलता है भाई
दुबारा शायद ये जीवन नही मिल पाता।
श्री राम सा संघर्ष कहा करता है कोई
इनके चले राह कोई नही चल पाता
बाधाओं को पार करके लक्ष्य पाओ सभी
तभी कोई महापुरुष है बन पाता।
अब तो लोग अपनाते है शॉर्टकट
ये शॉर्टकट ह
ै जानलेवा बन जाता।
सब्र सीखना है तो सीखो सबरी से
जिसकी भक्ति में ही उम्र है गुजर जाता
रोज बस एक ही आस लिए बैठी
श्री राम आयेंगे यू ही था दिन कट जाता।
अब जीवन में कहा है वो सब्र
अब तो तुरंत सब्र का बांध टूट है जाता।
सत्य बोलना सीखना है तो थे राजा हरिश्चंद्र
जिनको पूरी दुनिया है जानता और समझता
सत्य के लिए महल छोड़कर गरीब है बन जाता
पर अब कहा झूठ को ही सही साबित करने
की खातिर कितनो का है सिर कट जाता
कैसे चलेगी ये दुनिया बात बात पर हो जाता है दंगा
ये दंगा से सारे धर्म उलझ कर है खत्म हो जाता।
वाह री दुनिया और दुनिया में रहने वाले लोगों
यही है विनती खुश रहो खुद भी रखो खुश दूसरो को भी
तभी हमारा देश और समाज आगे बढ़ पाता
तभी हमारा देश और समाज आगे बढ़ पाता।