STORYMIRROR

राही अंजाना

Abstract

3  

राही अंजाना

Abstract

समझ का खेल

समझ का खेल

1 min
318

दिन और रात के बीच हुई मुलाकात समझनी होगी,

कितनी गहरी है ये बात ज़रा एक बार समझनी होगी, 


शांत रहे तो जिसने भी चाहा चोट जमाकर के मारी, 

पर एक दिन तो औजारों की आवाज़ समझनी होगी, 


खेल खेलने से पहले शतरंजी बिसात समझनी होगी, 

हाथी घोड़े पैदल की सारी खुराफ़ात समझनी होगी।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract