चलते हैं एक-एक घर तेरे ही हिसाब से.....। चलते हैं एक-एक घर तेरे ही हिसाब से.....।
राजा वज़ीर ऊँट और प्यादा के चालों वाली यह शतरंज सी जिन्दगी। राजा वज़ीर ऊँट और प्यादा के चालों वाली यह शतरंज सी जिन्दगी।
कौन कैसे पाता है मंजिल इस पर फल टिका हुआ है। कौन कैसे पाता है मंजिल इस पर फल टिका हुआ है।
ज़िन्दगी की बिसात पे देख क्या क्या होता है ! ज़िन्दगी की बिसात पे देख क्या क्या होता है !
नादान मन कस्तुरी सा विचले, तुझसे राहत को मचले, नादान मन कस्तुरी सा विचले, तुझसे राहत को मचले,
एक दिन तो औजारों की आवाज़ समझनी होगी एक दिन तो औजारों की आवाज़ समझनी होगी