स्कूल की यादें
स्कूल की यादें
पुराने यादों को खोल कर देखा तो,
आज स्कूल की याद बहोत आई !
वह बिताये हुये लम्हों की बात याद आई,
स्कूल की वह प्यारी सी मस्ती,
दोस्तो से कुश्ती बोहोत याद आई।
इसे याद करके आँखो में आँसू की बरसात छाई॥
वह बीती घड़ी कैसे हमने बितायी,
स्वागतम पर बैठे युंही बाते करना
क्लास Off होने पर वहीं जमा होना,
मन उदास हो तो मन हलका करना,
माँ ने किस विषय पर डांटा था।
या भाई की शिकायतें करना।
बहोत याद आता है।।
बनाफर मॅम से डांट खाना,
H. M सर दिखने पर भागना,
खोडे़ सर के तासिका में अच्छे से पढ़ना,
इखार टिचर से दोस्ती रखना,
बावीस्कर सर से सारी बातें करना
lunch मे टिफीन शेयर करना एक दूसरे की केयर करना।।
मेश्राम मॅम की डांट
वह पहली बार खायी हुई चाट,
बहोत याद आती हैं
स्कूल मे सारी बात भूलकर दोस्तों के संग रहना,
होली आने पर रंग खेलना,
H.c विषय अच्छे से पढ़ना,
वक्त ढलने पर घर न जाने का मन करना,
गाँव जाने पर exam का बहाना करना
कोई त्योहार होने पर पहले स्कूल में मनाया करते
ना जाने क्यों वह दोस्ती के रिश्ते अपनों से भी अपने लगा करते।।
ऐ स्कूल तेरे पास होने पर तू समझाता था,
आज खास होने पर तू क्यूं रुलाता है ?
साथ में खिचड़ी खाना,
एक ही बॉटल से पानी पीना,
हमेशा साथ रहने का वादा करना, कोई रूठे तो याद दिलाना।।
खुशी सी थी वह पलों में '
जो अब बस गयी यादों में,
मुस्कान थी वह स्कूल की बाहों में
यार की जरूरतों में
प्यार की बारिश में
मैम के period में
Fairwell की एण्ड में
प्यारी सी best friend में...