सज़ा देता है।
सज़ा देता है।
मज़ा देता है,
इश्क़ हो या गुनाह
सज़ा देता है।
रोक लेता है,
नैनों का ये बंधन
जन्म लेता है।
धड़कता है,
धक सा होता है
कोई आता है।
रौनक लाई,
प्यार की अंगड़ाई
बहार आई।
कर कुबूल,
पवित्र सा बंधन
दुनिया भूल।
मज़ा देता है,
इश्क़ हो या गुनाह
सज़ा देता है।
रोक लेता है,
नैनों का ये बंधन
जन्म लेता है।
धड़कता है,
धक सा होता है
कोई आता है।
रौनक लाई,
प्यार की अंगड़ाई
बहार आई।
कर कुबूल,
पवित्र सा बंधन
दुनिया भूल।