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GURU SARAN

Inspirational

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GURU SARAN

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सियासत मैली हो गई

सियासत मैली हो गई

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सियासत मैली हो गई

भृस्टाचार का प्रदूषण इस कदर बढ़ा

की मुल्क की आबो हवा

विषैली हो गई। 


सियासत के मंदिर में

कुछ मुजरिम दाखिल हो जाते है

वे अपने कुकृत्यो से, सियासत को मैला कर

वतन की शान पर दाग लगाते है। 


सलाखों के पीछे रह कर भी, 

जीत जाते है इलेक्शन

हर तरह से लूटते है वतन को

अपने को जनता का ख़िदमतगार् बताते है। 


कानून के निगेह बान ही

जब कानून तोड़ने लगे

क्या होगा इस मुल्क का

जब नेता मुजरिमो से सम्बन्ध जोड़ने लगे। 


फिर एक बार अपने वतन को

आजाद कराना होगा

क्रांति का बिगुल बजा कर

इंकलाब लाना होगा। 

जब इंकलाब जालिम हुकुमत से टकरता है


हिल जाती है जमीं

चंदन समन्दर मे सुनामी

आ जाता है। 


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