सिर्फ तुम्हे चाहता हूं
सिर्फ तुम्हे चाहता हूं


कुछ अजब सा अनुभव होता है
जहां जाता हूँ सिर्फ़ तुम्हें दिखता हूँ
तुम्हारा बातें सोच सोच के रोने लगता हूँ
पता नहीं ये किया हुआ है मुझे
सिर्फ तुम्हें चाहाता हूँ।
एक दिन तुम आये
तुम्हारी बात, हँसी ओर
अनमोल ओठ दिल को छुएं
थोड़े थोड़े तुम अच्छा लगने लगे
और तबसे मैं प्यार करने लगा हूँ
पता नहीं ये क्या हुआ है मुझे
सिर्फ तुम्हें चाहता हूं।