सीता सी अग्निपरीक्षा कब तक
सीता सी अग्निपरीक्षा कब तक
हाँ मैं , नारी हुँ कब तक सहना होंगा।
सीता देवी जैसी अग्निपरीक्षा
कब तक हमको देना होगा.....
मर्यादा पुरषोत्तम जैसे अब कोई राम नहीं।
अग्निपरीक्षा से कब तक हमको लेकिन
गुजरना होगा.....
कभी दहेज के लोभी से,कभी कोई
बेईमानी से ,अहंकार की माला जपते
सीधे-साधे इंसानो को.....
कभी बेटी के नाम से आँखे खोली ना
धरती पर,नारी ने ही नारी की जान लेली
ना जाते कब तक.....
अग्निपरीक्षा पहले भी होती आईं
तब लेकिन भगवान थे,मर्यादा पुरुषोत्तम राम से।
पर ना अब कोई भगवान है।ना कोई बने राम है
फिर भी क्यों ये अग्निपरीक्षा देता सही इंसान है।
खत्म करो ये अग्निपरीक्षा राम नही कोई बन
सकता है।ना है कोई सीता माता......
देते रहेंगे कब तक जाने ईमान ओर धर्म के नाम पर
बलि चढ़ोगे जानें चालाकी के काम पर...
सीता सी अग्निपरीक्षा कब तक इस दुनिया मे होंगा
रामायण से राम नहीं पर रावण कितने जन्म लेंगे
अग्निपरीक्षा की बलि पर सीता जैसे
सच्चे दिल इंसान सहेंगे.....
सोता सी अग्निपरीक्षा कब तक विद्धमान रहेगा
दिल टूटेंगे कितने,ओर मरता रहेगा इंसान...
खत्म ना जाने कब होंगा, प्रलय के इस काल का..
धरती के पाप बड़े तो,दुवारा नही ये काम होगा
सीता की अग्निपरीक्षा अग्निपरीक्षा अग्निपरीक्षा
कब तक यू ही विद्यमान रहेगा.....
