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Mr. Akabar Pinjari

Classics

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Mr. Akabar Pinjari

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सीता की अग्नि परीक्षा कब तक

सीता की अग्नि परीक्षा कब तक

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आज तक जो तुम्हें देखते ही नहीं थे,

देख कर आज तुमको गुनगुनाने लगे हैं,

जिनके दर्द तसव्वुर में होता रब,

करके हमको दिवाना वो अब गाने लगें हैं। 


बदल गया है सीता का रूप भी अब,

ना रही वह नज़ाकत ना रहा वह लड़कपन,

जो कल तक अदब में झुकी होती थी,

वह आजकल बेअदबी को बताने लगे हैं।


आज बदले रूप में रंगत लाना है,

जो युगों से परेशान थी उसे सजाना है,

आख़िर कब तक सीता की अग्नि परीक्षा ली जाएगी,

अब वक्त आ गया है यह घड़ी बदली जाएगी।


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