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manish shukla

Abstract

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manish shukla

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सीता की अग्नि परीक्षा कब तक

सीता की अग्नि परीक्षा कब तक

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जन्म लेने से पहले ही,

दुनियाँ ने उंगली उठाई,

जन्म लेते ही पिता ने,

पहरेदारी बिठाई,


भाइयों से कमतर,

माना गया,

समाज ने पैरों में,

बेड़ियाँ पहनाई,


हर बार सवाल उठे,

हर बार वो जीत कर आई

हर बेटी देश की सीता है,

सीता की अग्नि परीक्षा,


कब तक

कब तक होगी माँ- बहन,

की रुसवाई

सीता ने हमको जन्म दिया,

वो जगत जननी कहलाई,


उसकी परीक्षा लेकर,

मानवता भी शर्मशार हो आई

अब भी अपराध स्वीकार करो,

बेटी का आदर- सम्मान करो,


नारी है शक्ति ये समझो,

न सृष्टि का यूं विनाश करो।


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