STORYMIRROR

Amit Kumar

Inspirational

4  

Amit Kumar

Inspirational

सीख लिया मैंने

सीख लिया मैंने

1 min
307

अब अंधेरों से लड़ना

सीख लिया मैंने

अब अंधेरों से लड़ना

सीख लिया मैंने

सच कहूं तुमसे

जग जीत लिया मैंने

अब अंधेरों से लड़ना

सीख लिया मैंने


कुछ वक़्त लगा

कुछ दिक्क़तें भी आई

कुछ गहमागहमी भी हुई

कुछ जग हसाई भी

और कुछ बदसलूकी भी हुई

कुछ बदनाम भी हुए

कुछ मशहूर भी हुए

बस इसी तरह

कुछ शौहरत को

कमा लिया मैंने


अब अंधेरों से लड़ना

सीख लिया मैंने

अब अंधेरों से लड़ना

सीख लिया मैंने

सच कहूं तुमसे

जग जीत लिया मैंने

अब अंधेरों से लड़ना

सीख लिया मैंने


वो मेरे दोस्त

मेरे रहबर जो थे

सब मेरे ख़िलाफ़ हो चले

मेरे साये भी

मेरे राज़दार हो चले

नाहक़ ही चर्चा

किसी के नाम का निकला

मेरा क्या कसूर

कुछ पता न चला

शहर में पर्चा

जब मेरे नाम का निकला

फिर भी किसी तरह

ज़िन्दगी को आसान

बना लिया मैंने


अब अंधेरों से लड़ना

सीख लिया मैंने

अब अंधेरों से लड़ना

सीख लिया मैंने

सच कहूं तुमसे

जग जीत लिया मैंने

अब अंधेरों से लड़ना

सीख लिया मैंने



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational