श्याम लिख दूँ
श्याम लिख दूँ
दिन की सुबह और शाम लिख दूँ
ये दिल अब तेरे ही नाम लिख दूँ
मन मंदिर में बसा लूँ तुझे इस कदर
अपनी स्मृतियों में तेरा नाम श्याम लिख दूँ
साँझ की ढलती सूरज में तुम हो
सुबह की ताजगी में प्रणाम लिख दूँ
लंबी मिलों का सफर हो तुम
सफर का तुम्हें विश्राम लिख दूँ
छवि तुम्हारी इतनी प्यारी
तेरा नाम गुलफ़ाम लिख दूँ
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