शुभकामना
शुभकामना
शुभकामनाओं की प्रेम चौपाई
याद आयी बचपन की जो प्रेम रंगोली सजाई
पहला जन्मदिन जब तुम्हारा आया,
स्नेह ने काढ़ के फ्रॉक था पहनाया,
लगी तुम गुड़िया गुलाबी -गुलाबी,
बातें तुम्हारी थी हाजिर जवाबी।
माँ -पिता, हम सबने तेरे फलने की प्रार्थना गाई।।
विजय ने चॉकलेट बॉक्स थमाया,
राकेश गिफ्ट बारबी डॉल का लाया
कनक मिलक केक को लेकर आयी,
नन्हे होंठों पर मुस्कान तब छायी।
खुशियाँ तुम्हारी सलामती की दुआ थी ले कर आई ।।
माँ ने एक दीप केक पर जलाया,
पिता ने नन्हे हाथ केक कटाया,
बब्बू ने ताली जोर से बजायी,
गुड्डी सँग सबने बधाइयाँ गायी ।
सत्यं शिवं सुंदरम ने अलौकिक दुनिया थी बसाई ।
बढ़ते गए हौसले से नन्हे कदम
एमफिल, डॉक्टरेट की डिग्री मिली
शिव से कर ब्याह मैं से बनी थी हम
डोली विदाई कर अपने घर चली ।
देख मधुर मिलन धरती माँ ने थी आशीषें बरसाई ।
हर साल अखण्ड जन्म दिन यूँ आए,
स्वस्थ, ऊर्जा, आत्मबल से भर जाए,
ले जा संदेशा नोयडा ए पवन,
चूम के दीर्घायु कहना छू के तन ।
हो जीवन तुम्हारा सदा जैसे बजती हो शहनाई ।।