श्री गुरु अर्जुन देव जी
श्री गुरु अर्जुन देव जी
गुरु अर्जुन देव जी (Guru Arjun Dev Ji)
सिखों के पंचम गुरु को नमन।
माता भानी के लाडले,
गुरु रामदास जी के शहजादे,
शहीदों के सरताज गुरु अर्जुन देव जी को नमन।
सच्चाई का साथ देकर,
अमूल्य राह दिखा दिया।
संतुष्टि और आत्म सम्मान का,
सही अर्थ दुनिया को बता दिया।
शांत और गंभीर स्वभाव था जिनका।
अलग ही व्यक्तित्व और नूर था जिनका।
युग के सर्वमान्य लोकनायक हैं,
संगत सेवा में हर पल था बीतता जिनका।
मानव सेवा के लिए तत्पर थे रहते,
हर किसी से अपनापन रखते।
जबर जुल्म को न थे सहते,
अन्याय के खिलाफ बुलंद आवाज थे रखते।
सुखमनी साहिब उनकी है अमर-वाणी।
जिंदगी में लाती प्रेमाभक्ति और रूहानी।
कलम मेरी किस तरह लिखे,
अगम ज्योति की कुर्बानी किस तरह बोले।
आपने शहादत पाकर धर्म को बचा लिया,
खुद कष्ट सह कर इंसानियत के बगीचे को हरा भरा कर दिया।
धर्म और ताकत का जब हुआ मुकाबला,
जान देकर सच का परचम लहरा दिया।
