एक माँ ही है इस दुनिया में जिसे.. बिना लिखे ही सब कुछ दिखा एक माँ ही है इस दुनिया में जिसे.. बिना लिखे ही सब कुछ दिखा
फिर वही बात वही दिन याद आ रहा हम उस बात को लिखे तो लिखे कैसे फिर वही बात वही दिन याद आ रहा हम उस बात को लिखे तो लिखे कैसे
उजड़ा जो चमन अपना कुसूर किसका कैसे बोलूं उजड़ा जो चमन अपना कुसूर किसका कैसे बोलूं
खुद को निहारूँ मंत्रमुग्ध-सी खुद पर ही रीझूं बार-बार जब दर्पण में नज़र आते हो तुम खुद से शर्माऊं शर्... खुद को निहारूँ मंत्रमुग्ध-सी खुद पर ही रीझूं बार-बार जब दर्पण में नज़र आते हो तु...